30 जनवरी 2020 को कोविड-19 को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया गया था. जिस वक्त ये फैसला लिया गया था जब चीन में 100 से कम केस ही कोरोना के आए थे.
कोरोना पाबंदियों और वर्क फ्रॉम होम के चलते पटरी से उतरा कमर्शियल रियल एस्टेट अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है…
कोरोना की लहर से रियल एस्टेट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अब धीरे-धीरे हालातों में सुधार दिख रहा है.
कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को जो चोट पहुंची उससे उबरने में 12-13 साल लग सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की करेंसी और फाइनेंस रिपोर्ट में कहा गया है.
सरकार कोरोना को लेकर निश्चिंत सी लग रही है. शायद यही वजह है कि वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए इस बार बजट में कोई ज्यादा राशि नहीं बढ़ाई
अध्ययनों से पता चलता है कि टीके की खुराक ले चुके लोगों को ओमीक्रोन से संक्रमित होने से बचने के लिए बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता पड़ेगी.
देश में लगातार 49 दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले 15 हजार से कम सामने आ रहे हैं. उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 87,245 हो गयी है.
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी.
देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे.
देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे.